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भारतवर्ष के नामकरण का क्या है असली सच

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भारतवर्ष का नामकरण दुष्यंत के बेटे भरत के नाम पर नहीं हुआ था इथियोपियाई माउण्टेन मेरू का नामकरण मेरू नामक जिस पौराणिक देवी के नाम पर हुआ था, उसी देवी के पुत्र भरत के नाम पर नामकरण हुआ था भारतवर्ष का। Mount Meru in Tanzania Mount Meru in Tanzania आदि मनु के नाम से विख्यात स्वयंभू मनु के पौत्र प्रियवर्त के परपौत्र ने भारतवर्ष को बसाया था। वायुपुराण के अनुसार स्वयंभू मनु के पुत्रों प्रियवर्त और उत्तानपाद में से ज्येष्ठ पुत्र प्रियवर्त जो जम्बूदीप के राजा थे, उन्हें जब कोई पुत्र नहीं हुआ तब वे अग्निन्ध्र नामक अपने दौहित्र (पुत्री के पुत्र) को अपना दत्तक पुत्र बना कर पालन-पोषण किये थे। प्रजावत्सल अग्निन्ध्र के पुत्र नाभि का विवाह मेरू नामक जिस देवी के साथ हुआ वे भी जम्बूदीप नामक उसी लोक की रहने वाली थी जहां की प्राचीन सभ्यता के लोगों को आज भी पुरातत्वविद God of Kush कह कर पुकारते हैं। हालांकि जम्बूदीप का एक छोटा सा भाग ही कुश नामक राजा के नाम पर कुश देश के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। लेकिन इस देश के अस्तित्व में आने से हजारों साल पहले नाभि की पत्नी मेरू के गर्भ से जिस ओजस्वी पुत्र का जन्म हुआ