कौन हैं कुम्भी बैस

सभी देवी-देवताओं से पहले क्यों होती है कुम्भ और अग्नि की पूजा कुम्भ और अग्नि हिंदू धर्म में ऐसे बहुत से देवी-देवता हैं जिनकी लोग पूजा-अर्चना करते हैं। ब्रह्मा, विष्णु और शिव को त्रिदेवों के रूप में जाना जाता है। ब्रह्मा जी को संसार का रचियता माना गया है, तो भगवान विष्णु को पालनहार और पशुपतिनाथ शिव जी को संहारक। इस पृथ्वी पर भगवान विष्णु और शिव के हजारों मन्दिर और मन्दिरों के अवशेष देखने को मिलते हैं, लेकिन ब्रह्मा जी के मन्दिर पूरे संसार में केवल ३ ही हैं। उनमें से भी दक्षिणी भारत और थाईलैण्ड में स्थित ब्रह्मा के मन्दिर आदि ब्रह्मा का मन्दिर नहीं है बल्कि ताड़कासुर के द्वारा ब्रह्मा के पद पर आरूढ़ किये गये प्रह्लाद नन्दन कुम्भ के मन्दिर हैं। विदित हो कि हिरण्यकशिपु नन्दन प्रह्लाद के तीन पुत्रों वीरोचन, कुम्भ और निकुम्भ में से दैत्य राज प्रह्लाद के उत्तराधिकारी वीरोचन को दैत्यों का अधिपति बनाया गया था, जबकि उनके छोटे भाई कुम्भ को महामंत्री और निकुम्भ को सेनापति का पद दिया गया था। दिति नन्दन वज्राङ्ग जब तप कर के वापस लौटे तब उनकी पत्नी वाराङ्गी ने इन्द्र के द्वारा के द्वारा प्रताड़ित क...